हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने कहा राम कोई भगवान नहीं थे , वो तो काल्पनिक नाम है .
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा किये हैं। बिहार के जमुई में गुरुवार को बाबा साहब डॉ भीम राव अंबेडकर जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि राम भगवान थोड़े ही थे, वह तो तुलसीदास और वाल्मीकि रामायण के पात्र थे। रामायण में बहुत सी अच्छी बातें लिखी हैं, इसलिए हम उसे मानते हैं, पर राम को नहीं जानते।
अनुसूचित जाति समाज के लोगो को राम को पूजा नहीं करना चाहिए
हम सुप्रीमो मांझी ने कहा कि पूजा-पाठ करने से कोई बड़ा नहीं होता है। अनुसूचित जाति के लोगों को पूजा-पाठ करना बंद कर देना चाहिए। जो ब्राह्मण मांस खाते हैं और शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं, उनसे दूर रहना चाहिए। उनसे पूजा-पाठ नहीं कराना चाहिए। शबरी के जूठे बेर को राम ने खाया था, आज हम लोगों के यहां कोई खाना खाकर दिखाए। सवर्ण और उच्च जाति के लोग भारत के मूल निवासी नहीं हैं, वह बाहरी हैं।
राम पर व्यान देकर बिहार की राजनीती में हमेशा सुर्खीयों में बने रहते है जीतन राम मांझी।आप को बता दू की एनडीए गठबन्धनं के सहयोगी दल के रूप में है हम पार्टी। एक तरफ बीजेपी में नेता हमेशा जय श्री राम के नारे लगते रहते है तो वही दुसरी ओर उन्ही के सहयोगी दल हम पार्टी राम को काल्पनिक बताते है।
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